ऐसी मस्ती कहां मिलेगी, श्याम नाम रस पीले। तू मस्ती में जी ले। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹सांचा है दरबार श्याम का, श्याम प्रभु है रसीले। तू मस्ती में जी ले।२
लख चौरासी भटक भटक कर, मानुष काया पाई। ऐसा फंसा जगत में आकर, सारी सुध बिसराई।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 अब भी समय है संभल बावरे, बंधन कर ले ढीले। तू मस्ती में जी ले।२
अमृतमय है नाम श्याम का, सारे दोस मिटा दे। अंधकार को दूर भगा, हिवडे में जोत जगा दे। अंतरमुख हो बैठ चैन से, नैना कर ले गीले। तू मस्ती में जिले।२
श्याम नाम की महिमा को तो, वेद पुराण बखाने। गणिका गिद्ध अजामिल तर गए। तर गए जीव सयाने।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 धर्मी अधर्मी ऋषि मुनि योगी, नाम से हुए रसीले। तू मस्ती में जिले।२
श्याम सुधा रस का प्याला, जिसको पीना आ जाए। जीवन के इस महासमर में, जरा नहीं घबराए।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 स्वास स्वास में नाम निरंतर, नयनन श्याम सजीले। तू मस्ती में जिले।२
श्याम कुटुंब में नाम लिखा, स्थीरता तुम्हें मिलेगी। पथ के कांटे फूल बने, जीवन की बगिया सजेगी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 नंदू कर विश्वास प्रभु पर,अब भी किस्मत सिले। तू मस्ती में पीले।२