बजरंगी की पूजा होती,
मंगल और शनिवार,
Tag: Bajrang balaji anjani lalaji
मेरे मन में बस गयो श्याम लला,
भाये कैसे कोई अब और भला।।
ओ तेरा बालाजी सरकार बाजे डंका मेहंदीपुर में
पूछे सिया सुन अंजनि के लाला।
क्यूँ तोड डाली तूने मणियों की माला।।
तुझे छोड़कर हे बजरंगी कहां में शीश झुकाऊं।
बालाजी भेरू जी माँ के चाले अगवाणी,
मेरे बालाजी महाराज बना दो बिगड़ी मेरी। माता अंजनी के लाल बना दो बिगड़ी मेरी।
हट जा पुजारी आगे से, बालाजी के दर्शन करवा दे।
जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली
लेके शिव रूप आना गजब हो गया
गोरी कलाई चूड़ा लाल बे,मेरी मां का चोला।
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