कहाँ रखोगे बाबा,
हारो की अंसुवन धार,
Tag: aur man me leke aash
आस लगी है, तेरे दर्शन की,लाज रखो मेरे असुवन की,
मन में आस जगी मैंने दिल की सुनी, आ गयी दर तेरे दौड़ के।
मेरे मन में बस गयो श्याम लला,
भाये कैसे कोई अब और भला।।
तोरा मन दर्पण कहलाए,
आजा आजा आजा
आजा मेरे मोहन प्यारे
टूटे दिल की आस पुकारे
आजा आजा मेरे मोहन प्यारे।
अरे रे मन कर दिया तूने चाला,
बगल में छुरी हाथ में माला।
Man lagi mero yaar fakiri me,
मन हो जा दीवाना रे श्याम जी के चरणों में
हाथों में ले श्याम ध्वजा, और मन में लेके आस