इंतज़ार है श्याम तेरा इंतज़ार है,
Tag: baba shyam ke darwar machi re hori
हाथों में ले श्याम ध्वजा, और मन में लेके आस
क्या खूब है आज सजाया,
मिलकर दरबार लगाया,
तेरे दर का बनू सेवादार,
हे गजानन दो चरणों का प्यार।
श्याम धणी तेरे नाम से,
गुजारा हमारा
इक हमारे बांके बिहारी दूजे लख दातार,
हमारे दो ही रिश्तेदार,
चक्र चलाया था,श्याम तेरी उंगली ने
ना ऐसा दरबार,और ना ऐसा सिंगार
मुझको अगर तूं फूल, बनाता ओ सांवरे
म्हापे जद भी कोई मुसीबत आवन लागे
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