कानुडा रे घेर ले गायां ने कान्हा,पांच बजगी।पांच बजगी रे कान्हा पांच बजगी।कानुडा रे घेर ले गायां ने कान्हा,पांच बजगी। जमुना तीरे घाट ऊपर,पंछी उड़ गया सारा।काम करणता पाणी आवे,घरमे भाग्या सारा।कानुडा रे घेर ले गायां ने कान्हा,पांच बजगी। गायां का गुवाला आया,दूध दुहबा तांई। मां यशोदा थाने बुलावे,माखन खाबा तांई।कानुडा रे घेर ले गायां […]
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संग संग में रहेंगे हम,हमेशा ही अरे मोहना,
कृष्ण गोविंद गोविंद गोपाल नंदलाल
ये तो प्रेम की बात है उधो, बंदगी तेरे बस की नहीं है।
बोल कान्हा बोल कैसा काम हो गया