ये नैया अटकी है मझधार।पार करो बालाजी नया बन के खेवनहार
Author: Pushpanjali
बाबा खूब सुनी निर्धन की,
आज कमी नहीं मेरै धन की।
लाल चोला सीदे दर्जी,
जब आवनगि दर पे सुनेगी अर्जी,
जिसने कृष्ण कृष्ण टेरया,फेरी मन की माला,
गली गली एलान होना चाहिए, हर मंदिर में श्याम होना चाहिए।
खाटू वाली गली में माकन होना चाहिये,
दिल मेरा श्याम का गुलाम होना चाहिये,
तीनों लोकों में गूँजा है जयकारा माँ का
तीनों लोक में मैया का जयकारा लगता है।
तुम्हें कैसे मनाऊं हनुमत में। आ जाओ तुम कीर्तन में।
काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।
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