तर्ज,सावन का महीना पवन करे
बैठी पहाड़ों पे मैया,हो गया है देखो भोर। अमृत बरसे अंबर से चिड़ियों ने मचाया शोर।
गरज उठी है बिजली बादल बरसा घनघोर।अमृत बरसे अंबर से चिड़ियों ने मचाया शोर।
मौसम सुहाना मैया कैसा बनाया है। कहीं कहीं पे धूप मेंया कोहरा कहीं छाया है। नाच रहे खुश होकर पंखों को पसारे मोर।🌺🌺🌺🌺🌺🌺 अमृत बरसे अंबर से चिड़ियों ने मचाया शोर।
बैठी पहाड़ों पे मैया,हो गया है देखो भोर। अमृत बरसे अंबर से चिड़ियों ने मचाया शोर।
गरज उठी है बिजली बादल बरसा घनघोर।अमृत बरसे अंबर से चिड़ियों ने मचाया शोर।
जागो जागो शेरावाली जागो मेहरा वाली मां। जब तक ना जागोगी, ना आएगी खुशहाली मां। अद्भुत रूप निराला मैं देखूं चारों और।🌺🌺🌺 अमृत बरसे अंबर से चिड़ियों ने मचाया शोर।
बैठी पहाड़ों पे मैया,हो गया है देखो भोर। अमृत बरसे अंबर से चिड़ियों ने मचाया शोर।
गरज उठी है बिजली बादल बरसा घनघोर।अमृत बरसे अंबर से चिड़ियों ने मचाया शोर।
आरती की थाली मैया बाबा ने सजाई है। शंख बजा के पंडित जी ने ज्योत जलाई है।गगन में भक्त खड़े हैं, दोनों हाथों को जोड़।🌺🌺🌺🌺अमृत बरसे अंबर से चिड़ियों ने मचाया शोर।
बैठी पहाड़ों पे मैया,हो गया है देखो भोर। अमृत बरसे अंबर से चिड़ियों ने मचाया शोर।
गरज उठी है बिजली बादल बरसा घनघोर।अमृत बरसे अंबर से चिड़ियों ने मचाया शोर।