तर्ज, तुझे सूरज कहूं या चंदा
तुम रूठ गए जो मुझसे क्या हाल हमारा होगा। मेरे श्याम बिछड़ कर तुमसे एक पल ना गुजारा होगा।
मेरे सपनों की दुनिया तो तेरे दम से रोशन होती। मेरे घर आंगन में जलती बस तेरी कृपा की ज्योति। मैं रोज दिवाली मनाऊं जो तेरा सहारा होगा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मेरे श्याम बिछड़ कर तुमसे एक पल ना गुजारा होगा।
तुम रूठ गए जो मुझसे क्या हाल हमारा होगा। मेरे श्याम बिछड़ कर तुमसे एक पल ना गुजारा होगा।
मैंने सांसों की माला में तेरे नाम के मोती पिरोए। तेरे रहमों करम पर नैना जाने कितनी बार भिगोए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 गुजरेगा हंसकर जीवन जो साथ तुम्हारा होगा। मेरे श्याम बिछड़ कर तुमसे एक पल ना गुजारा होगा।
तुम रूठ गए जो मुझसे क्या हाल हमारा होगा। मेरे श्याम बिछड़ कर तुमसे एक पल ना गुजारा होगा।
पिछले जन्मों का मेरे सत कर्मों का यह फल है। मेरे दामन में खुशियों की अब होने लगी हलचल है। ए श्याम तुम मुझसे रूठे यह मुझको गवारा ना होगा। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मेरे श्याम बिछड़ कर तुमसे एक पल ना गुजारा होगा।
तुम रूठ गए जो मुझसे क्या हाल हमारा होगा। मेरे श्याम बिछड़ कर तुमसे एक पल ना गुजारा होगा।