रंगा लाई रे सतगुरु से ज्ञान चुनरी।रंगा लाई रे सतगुरु से ज्ञान चुनरी।
चुनरी ओढ़ में तो बागों में गई थी। मालण पूछे हे कहां से लाई चुनरी।रंगा लाई रे सतगुरु से ज्ञान चुनरी।
मोल नहीं मिलती उधारी नहीं मिलती।करी थी हे रात दिन भक्ति।रंगा लाई रे सतगुरु से ज्ञान चुनरी।
चुनरी ओढ़ में तो तालों में गई थी। धोबन पूछे हैं कहां से लाई चुनरी। रंगा लाई रे सतगुरु से ज्ञान चुनरी।
चुनरी ओढ़ में तो पहाड़ों पर गई थी। सासु पूछ है कहां से लाई चुनरी।रंगा लाई रे सतगुरु से ज्ञान चुनरी।
चुनरी ओढ़ में तो कीर्तन में गई थी। सखियां पूछे हैं कहां से लाई चुनरी। रंगा लाई रे सतगुरु से ज्ञान चुनरी।