गुरासा शरण आपरी आया,
शरणों में आया,
बहुत सुख पाया,
मिट गया जमड़ा रा दाया,
गुरासा शरण आपरी आया।।
ओ मन म्हारो काग सरूपी,
अवगुन बहुत भराया,
सतगुरु स्वामी हंस बनाया,
मेहरम मोती पाया,
गुरासा शरण आपरी आया।।
गुरासा शरण आपरी आया,
शरणों में आया,
बहुत सुख पाया,
मिट गया जमड़ा रा दाया,
गुरासा शरण आपरी आया।।
ओ म्हारी सुरता घनी नखराली,
फिर फिर गोता खाया,
सतगुरु बाण शब्द रा वाया,
नुरता नीसाण घुराया,
गुरासा शरण आपरी आया।।
गुरासा शरण आपरी आया,
शरणों में आया,
बहुत सुख पाया,
मिट गया जमड़ा रा दाया,
गुरासा शरण आपरी आया।।
अब म्हारी सुरता लागी राम सु,
तारो तार मिलाया,
आठो पोहर अमीरस बरसे,
पिवत प्यास बूजाया,
गुरासा शरण आपरी आया।।
गुरासा शरण आपरी आया,
शरणों में आया,
बहुत सुख पाया,
मिट गया जमड़ा रा दाया,
गुरासा शरण आपरी आया।।
वेगम वाणी गम में जाणी,
आत्म में ओलखया,
जीव शिव एकण घऱ लाया,
हेमनाथ जस गाया,
गुरासा शरण आपरी आया।।
गुरासा शरण आपरी आया,
शरणों में आया,
बहुत सुख पाया,
मिट गया जमड़ा रा दाया,
गुरासा शरण आपरी आया।।