पैदल आस्यां ओ साँवरिया थारी खाटू नगरी, पैदल आस्यां जी।
Tag: Chalo khatu me jagasya gyaras ki raat
मन में उठन लागी हूक,
सांवरिये के नाम की,
महे तो ढूंढ्यो जग सारो,
थां स्यूं कोई नहीं न्यारो,
ले के पूजा की थाली, ज्योत मन की जगाली,
तेरी आरती उतारूँ भोली माँ।
आए तेरे द्वारे उद्धार करिए, खाटू वाले श्याम बेड़ा पार करिए।
बिगड़ी को बनाने वाला है। हारे को जिताने वाला है।
खाटू वालो यो मनडे भाय गयो,
दिलडा में ज्योत जगाय गयो,
ही नहीं ऐसे खाटू में,
दीनो का मेला लगता है,
खाटू में मची धमाल फागुन आयो रे,
व्रत ग्यारस का सबसे महान
करो नित विष्णु जी का ध्यान।
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