तर्ज,जिंदगी प्यार का गीत है
चाहे रूठो या राज़ी रहो,मुझे दर पे बुलाना पड़ेगा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मैं हु हर हाल में तेरा, फैसला सुनाना पड़ेगा।
चाहे मुझसे हो कोई खता, चाहे मुझसे निभे न वफ़ा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
चाहे मैं हु गलत हर दफा,
तुझसे रिश्ता निभाना पड़ेगा।
मैं हु हर हाल में तेरा, फैसला सुनाना पड़ेगा।चाहे रूठो या राज़ी रहो,मुझे दर पे बुलाना पड़ेगा।
मेरा हर सपना सच कर दिया, मेरा घर खुशियों से भर दिया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺
फिर भला दूर क्यों कर दिया, आज तुमको बताना पड़ेगा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मैं हु हर हाल में तेरा, फैसला सुनाना पड़ेगा।चाहे रूठो या राज़ी रहो,मुझे दर पे बुलाना पड़ेगा
ना गलत था इरादा मेरा, न ही भुला मैं वादा मेरा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
मैं भगत सीधा साधा तेरा,
इस खता को भुलाना पड़े गा।
मैं हु हर हाल में तेरा,फैसला सुनाना पड़ेगा।चाहे रूठो या राज़ी रहो,मुझे दर पे बुलाना पड़ेगा