मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है।🌺🌺🌺
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है।
जगत की सभी खूबियां मैंने छोड़ीं।
ये दिल था इधर अब उधर हो चूका है।
यह सच जानिये उसकी बस इक नज़र है।
जो कुछ पास सब नजर हो चूका है।🌺🌺
वो उस मस्त की खुद खबर ले रहा है।
जो उसके लिए बेखबर हो चूका है।
नहीं दास का अश्रु जल बिंदु है यह।
यह उल्फत में लालो बुहर हो चूका है।
मेरी शान विच्च फरक नहीं पैंदा।
जे नच के मनावा यार नु।🌺🌺🌺🌺🌺
मन्ने यार ना ते कुंज वी नहीं रेह्न्दा।
किवे मैं भुलावा यार नू।
इहो इश्क दी नमाज़ दा असूल ए।
बिना यार साडी बंदगी फजूल ए।
कोई सजदा कबूल नहिओ पैंदा।
जे शीश न झुकावा यार नू।🌺🌺🌺🌺🌺
जग सो सो डरावे दे के गज्ज दा।
पल्ला यार ने फड़ेया ए मेर लज्ज दा।
लख मंदी होवां यार झल लैंदा।
मैं किथे छड़ जावा यार नू।🌺🌺🌺🌺🌺
पिया मुरली वजावेगा मैं नचांगी।
बन पैरा विच्च घुंघरू मैं जचांगी।
कोई केहन्दा रवे कंजरी जे केहन्दा।कोई सजदा कबूल नहिओ पैंदा।