तर्ज – मैं सेहरा बाँध के।
मैं बूटी ढूंढ के लाऊंगा, मेरा वादा है, लखन के प्राण बचाऊंगा, मेरा वादा है, मैं बूटी ढूँढ के लाऊंगा, मेरा वादा है ।।
मेरे प्रभु ना हो आधिर, है ये मुश्किल की घडी, तुम्हारे नाम से कटती है, विपदाएं बड़ी, लखन के प्राण बचाऊंगा, मेरा वादा है,
मैं उड़ के पहुंचूंगा पर्वत पे, मेरा वादा है,
मैं बूटी ढूंढ के लाऊंगा, मेरा वादा है, लखन के प्राण बचाऊंगा, मेरा वादा है, मैं बूटी ढूँढ के लाऊंगा, मेरा वादा है ।।
कसम है मुझको प्रभु की, कुछ ना होने दूंगा, मैं दास तेरा ये विश्वास, ना खोने दूंगा, ले आऊंगा मैं बूटी को, मेरा वादा है, मेरा वादा है ।।
लखन के प्राण बचाऊंगा, मेरा वादा है, मैं बूटी ढूँढ के लाऊंगा,
मैं बूटी ढूंढ के लाऊंगा, मेरा वादा है, लखन के प्राण बचाऊंगा, मेरा वादा है, मैं बूटी ढूँढ के लाऊंगा, मेरा वादा है ।।
उठा के लाए जो पर्वत को, है बजरंगबली, पिलाई बूटी जो लक्ष्मण को, तो फिर जान बची,
है दास यश तेरा गाएगा, मेरा वादा है।
मैं बूटी ढूंढ के लाऊंगा, मेरा वादा है, लखन के प्राण बचाऊंगा, मेरा वादा है, मैं बूटी ढूँढ के लाऊंगा, मेरा वादा है ।।