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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Mane hari hari bhang wali buti chahiye,ना केले ना हलवा ना फ्रूटी चाहिए। मने हरी हरी भांग वाली बूटी चाहिए,shiv bhajan

ना केले ना हलवा ना फ्रूटी चाहिए। मने हरी हरी भांग वाली बूटी चाहिए।

ना केले ना हलवा ना फ्रूटी चाहिए। मने हरी हरी भांग वाली बूटी चाहिए

जिस दिन ते भोले तेरे ब्याह के आई। मेरी ते जान मरण में से आई। सारा दिन गोरा पड़ी रे तू ठल्ली। के जुल्मा हो गया थोड़ी सी भांग जो घोट ली।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मने बैठन में चटाई टूटी फूटी चाहिए। मने हरी हरी कच्ची कच्ची,मने हरी हरी भांग वाली बूटी चाहिए।

ना केले ना हलवा ना फ्रूटी चाहिए। मने हरी हरी भांग वाली बूटी चाहिए।

कर्म फूट गए लो मिल गया नशेड़ी। अपनी चलावे यो सुनता ना मेरी। जानू सु किस के भाग्य में आ रही।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺देख के राजी नहीं तने सारी,ऐसे भक्तों की भक्ति ना झूठी चाहिए।मने हरी हरी कच्ची कच्ची,मने हरी हरी भांग वाली बूटी चाहिए।

बिना बताए गोरा तु गणपत ने उठाके,क्यों चली आई से तूं,अपने मायके। रोज-रोज घोटू तेरी भंगिया ने खाली।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तेरी गेल्यां रह के भोला,में तंग आली।में कोण्यां जाऊं तेरी गेल्यां,मने छुट्टी चाहिए।तने हरी हरी भांग वाली बूटी चाहिए।

ना केले ना हलवा ना फ्रूटी चाहिए। मने हरी हरी भांग वाली बूटी चाहिए।

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