गुरुकुल में पढ़ने जब आया साँवरा,
बस्ते में बाँसुरी ले आया सांवरा,
Tag: Baithyo mand mand muskawe mhara sawariya sarkar
सांवरिया के आगे खड़ा हूँ,कर जोड़,
मायरो भरेगो म्हारो प्यारो नंदकिशोर।
मेरे संवलिया सरकार, कबसे खड़ा हूँ मैं तेरे द्वार
सत्संग की गंगा मंदिर में बही जाय, जामे कोई कोई नहाए।
नखरो छोड़ दे साँवरिया, थोड़ो सीधो हो जा रे नखरो छोड़ दे।
अब तो आजा सांवरिया रे
अब तो आजा सांवरिया रे।
धन्य वह घर ही है मंदिर,
जहाँ होती है रामायण,
भोले दानी है सरकार, सब के भरते हैं भंडार।
मंदिर बिच रहते ओ भोले बाबा।
चरणों में बैठे हनुमान ओ राम जी के मंदिर में,
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