तर्ज,लेके पहला पहला प्यार
भोले दानी है सरकार, सब के भरते हैं भंडार। जो भी आए शरण में कर देंगे बेड़ा पार।भोले दानी है सरकार।
शीश पर गंगा सोहे,गले सर्प माला। कानों में कुंडल सोहे, भेस है निराला। ओढे बाघ अंबर की छाल, मस्तक सोहित चंद्र विशाल,जो भी आए शरण में कर देंगे बेड़ा पार।भोले दानी है सरकार।
भांग धतूरा खावे भोले त्रिपुरारी। भूत प्रेत है संग में नंदी की सवारी। रहते हैं भोले कैलाश, मैया पार्वती के साथ, जो भी आए शरण में कर देंगे बेड़ा पार।भोले दानी है सरकार।
भक्तों सभी यहां तेरा यश गावे। भोले के दर पर आकर शीश झुकावे। भक्त करे हैं यह पुकार, सुन लो जग के पालन हार,जो भी आए शरण में कर देंगे बेड़ा पार।भोले दानी है सरकार।