नखरो छोड़ दे साँवरिया, थोड़ो सीधो हो जा रे नखरो छोड़ दे।
सीधो हो जा रहे साँवरा सीधो हो जा रे, नखरो छोड़ दे।
सतयुग बीत्यो, त्रेता बीत्यो, बीत गयो युग द्वापर रे।कलयुग को है टेम बावरा, कै नै परख रे।नखरो छोड़ दे।
अपणी अपणी मस्ती मं सा, दुनियां भागी जावै रे।मतलब को है प्रेम, मिलै ना साँचो संगी रे।
नखरो छोड़ दे।
केक पेस्ट्री पीजा बर्गर, नई फैशन का भोजन रे।
बिस्कुट चाय ब्रेड अति भावे, थम्सअप पीवै रे।
नखरो छोड़ दे।
सीले होंठ अगर भल चावै आँख्याय श्याम झुकाले रे।ऐम ही है स्यान बावरा, बात समझले रे।नखरो छोड़ दे।
नन्दू’ गर उपदेश कर्यो तो, सगला भाग्या फिरसी रे।हवा देख कर बात करया कर, प्रेम पलटगो रे।नखरो छोड़ दे।
नखरो छोड़ दे साँवरिया, थोड़ो सीधो हो जा रे नखरो छोड़ दे।
सीधो हो जा रहे साँवरा सीधो हो जा रे, नखरो छोड़ दे।