मोड़ो घणो आयो रे सांवलिया,
थे मारी लाज गवाई रे,
Tag: Aao shyam ji kanhaiya nandlal ji
मैं गोरी तुम काले कन्हैया, मैं गोरी तुम काले।
हो माने ना छेड़ो जी नंदलाल मटकियाँ सिर से गिर जायेगी।
क्यूँ घबराऊँ मैं मेरा तो श्याम से नाता है
आज भवर में नैया कन्हैया
तुम हो कहा तुम हो कहाँ
ओ कान्हा ओ कान्हा सुन लो विनती मेरी।
तेरी सेवा करूँ उम्र भर,
मुझपे पर रखना तू अपनी नज़र,
दस वे कन्हैया चोरी किथे किथे किती आ,
हमें तो जोगनिया बनाए गयो रे ।
वो छलिया नन्द को री
कान्हा यो के आई थारा मन में,
गुजरया नचाई वृंदावन में।
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