तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी॥
काया-माया बादल छाया, मूरख मन काहे भरमाया।उड़ जायेगा साँसका पंछी,फिर क्या है आनी-जानी॥🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तू राम भजन कर प्राणी,तेरी दो दिन की जिन्दगानी॥
जिसने राम-नाम गुन गाया,उसको लगे ना दुखकी छाया।निर्धनका धन राम-नाम है, मैं हूँ राम दिवानी॥🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तू राम भजन कर प्राणी,तेरी दो दिन की जिन्दगानी॥
जिनके घरमें माँ नहीं है,बाबा करे ना प्यार।
ऐसे दीन अनथोंका है,राम-नाम आधार।
मुखसे बोलो रामकी बानी,मनसे बोलो रामकी बानी॥🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺तू राम भजन कर प्राणी,तेरी दो दिन की जिन्दगानी॥
सजन सनेही सुखके संगी,दुनियाकी है चाल दुरंगी।नाच रहा है काल शीश पे,चेत-चेत अभिमानी॥🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तू राम भजन कर प्राणी,तेरी दो दिन की जिन्दगानी॥
तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी॥
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तू राम भजन कर प्राणी, तेरी दो दिन की जिन्दगानी