मेरे मन की फसी पतंग किशोरी तेरे महलन में।
Tag: Aaj hum nachenge radhe ke darwar
झूम झूम के, नाच नाच के, मन की लगन मिटाऊं। राधे राधे गांऊं।
मेरे सतगुरु प्यारे दा ,दरबार बड़ा सोहणा है।
श्याम को दरबार यो तो,
दीना को ठिकानो है,
में वन का मोर बन जाऊं,और गाऊं राधे राधे।
मन चल रे वृंदावन धाम,राधे राधे गाएंगे।
मन चल रे वृन्दावन धाम,
राधे राधे गाएंगे,
आज हम नाचेंगे राधे के दरबार,
किस्मत वालों को मिलता है श्याम तेरा दरबार