बूटी हरी के नाम की,सबको पीलाके पी,
Category: निर्गुण भजन nirgun Bhajan
निंद्रा बेच दू कोई ले तो। हा राम राम रेट तो , तेरो मायाजाल कटेलो।
क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा।
राम नाम सांचा जग में, बाकी सब झमेला
साँसों का क्या भरोसा, रुक जाए चलते चलते
सत्संग में हरि को नाम हमारो मन सत्संग में
जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।
बड़े जन्मों के बाद चोला पाया, नी देखी कित्ते दाग ना लगे।
कलयुग बन ठन के आ गे, धर्म धरती में समा गे।
सखियों करो सोलह श्रृंगार,हरी हमें लेने आए है।
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