क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा।
क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा।
क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा।
क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा।
क्षण भंगुर काया तू कहां से लाया,🌺🌺🌺🌺
गुरु वंश समझाया पर समझ ना पाया।
यह सांस निगोड़ी चलती रुक थोड़ी,
चल चल रुक जावे क्या खोया पाया।
क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा।
क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा।
क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा।
क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा।
ओ मन सुन जोगी बात, यहां माया करती घाट।
आ तब भीतर समझात मूर्ख ना समझे बात।
हे ईश्वर तेरे साथ काहे मनवा घबरात।🌺🌺🌺
हो रामा सुमेर दिन-रात कस्ट सब कट जात।
हां सब यही छोड़ जाएगा छोड़ जाएगा।
क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा।
क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा।
क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा।
क्या लेके आयो जग में क्या लेके जायेगा।