बंसी वारे कन्हैया,
हमें तो राधा से मिलाई दे रे,
Author: Pushpanjali
ग्यारस का व्रत में करती हरि नाम की माला जपती।
तेरे जैसा कोई नहीं हारे का सहारा है।
मेरे घर आए बृजवासी में ग्यारस उपासी।
अगला जन्म भी सांवरे लिख ले अपने नाम
बिगड़ी बनाने वाली,
कष्ट मिटाने वाली,
दुनिया में जगदंबे माँ,
मात मेरी शेरोवाली,आजा जगराते में।
ग्यारस का दिन आया हरि का नाम लेे लेना,
भजे क्यों ना राम,क्यों सौवे तूं बुढ़िया।
मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,
नन्दलाल सांवरिया मेरे।
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