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एकादशी भजन

Gyaras ka vrat me karti,hari naam ki mala japti,ग्यारस का व्रत में करती हरि नाम की माला जपती,ekadashi bhajan

ग्यारस का व्रत में करती हरि नाम की माला जपती।

ग्यारस का व्रत में करती हरि नाम की माला जपती।

मैंने पहली माला फेरी, सासुल ने आकर घेरी।
कभी करती न सेवा मेरी
हरि नाम की माला जपतीग्यारस का व्रत में करती हरि नाम की माला जपती।

मैंने दूजी माला फेरी, बेटे ने आकर घेरी।
कुछ काम धाम न करती
हरि नाम की माला जपती।ग्यारस का व्रत में करती हरि नाम की माला जपती।

मैंने तीजी माला फेरी, बहुअल ने आकर घेरी।
कभी मेरे बच्चे न खिलाती
हरि नाम की माला जपती।ग्यारस का व्रत में करती हरि नाम की माला जपती।

मैंने चौथी माला फेरी, बेटी ने आकर घेरी।
कुछ देन लेन न करती
हरि नाम की माला जपती।ग्यारस का व्रत में करती हरि नाम की माला जपती।

मैंने पांचवीं माला फेरी, पोते ने आकर घेरी।
कभी मुझे न घुमाती फिराति
हरि नाम की माला जपती।ग्यारस का व्रत में करती हरि नाम की माला जपती।

मैंने छठवीं माला फेरी, साजन ने आकर घेरी।
कभी मेरे पास न बैठती
हरि नाम की माला जपती।ग्यारस का व्रत में करती हरि नाम की माला जपती।

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