मेरा श्याम बड़ा अलबेला।मेरी मटकी में मार गया ढेला। मेरा श्याम बड़ा अलबेला।
कभी जमुना के तीर, कभी गंगा के तीर।🦚 कभी सरयू नहाए अकेला। मेरा श्याम बड़ा अलबेला।
कभी गोपियों के संग, कभी ग्वालों के संग। कभी गौवे चराए अकेला। मेरा श्याम बड़ा ।अलबेला
कभी मामा के संग, कभी रुकमणी के संग। कभी राधा के संग मैं अकेला। मेरा श्याम बड़ा अलबेला।
कभी चंदा के संग,कभी सूरज के संग। कभी तारों से खेले अकेला। मेरा श्याम बड़ा अलबेला।
सभी संतो के संग, सभी भक्तों के संग। कभी मस्ती में बैठा अकेला। मेरा श्याम बड़ा अलबेला।