मोर छड़ी लहराई रे।२। रसिया ओ सांवरा,तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे।
मोर छड़ी का जादू निराला,इसको थामे है खाटू वाला।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚लीले चढ़कर दौड़ा ये आए,सारे संकट पल में मिटाए।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚रसिया ओ सांवरा,तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे।मोर छड़ी लहराई रे।
श्याम बहादुर दर्शन को आए, ताले मंदिर के बंद पाए।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚 मोर छड़ी से तालों को खोला,शीश झुकाकर बाबा से बोला।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚रसिया ओ सांवरा,तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे।मोर छड़ी लहराई रे।
मोर छड़ी की महिमा है भारी,श्याम धनी को लागे ये प्यारी।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚हर्ष कहे रोतों को हंसाए। हाथों में जब तेरे लहराए।रसिया ओ सांवरा,🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚तेरी बहुत बड़ी सकलाई रे।मोर छड़ी लहराई रे।