चुप रहना और कुछ ना कहना,
क्या यह तेरी लीला है,
या फिर मेरे श्याम सलौने,
हो गया आज हठीला है,
खाटू वाले,जरा इतना बता दो,
किसलिए चुप बैठे हो।
क्या नाराजी, बाबा हो गई हमसे,
क्यों ना हमें कहते हो।
खाटू वाले, जरा इतना बता दो,
किसलिए चुप बैठे हो,
क्या नाराज़ी हो गई हमसे,
क्यों ना हमें कहते हो।
चुप रहना और कुछ ना कहना,
क्या यह तेरी लीला है,
या फिर मेरे श्याम सलौने,
हो गया हठीला है, मौन ये तेरा,
मेरे जी को जलाएं, दिल्लगी क्यों करते हो,
खाटू वाले, जरा इतना बता दो,
किसलिए चुप बैठे हो,
क्या नाराज़ी हो गई हमसे,
क्यों ना हमें कहते हो।
जब तक बात ना होगी तुमसे,
ये मुलाक़ात अधूरी है,
प्रेम मिलन में ओ मेरे बाबा,
मीठी बात जरुरी है, हमें सताना,
हमें रुलाना, सोचकर तुम बैठे हो,
खाटू वाले, जरा इतना बता दो,
किसलिए चुप बैठे हो,
क्या नाराज़ी हो गई हमसे,
क्यों ना हमें कहते हो।
चुप रहना और कुछ ना कहना,
क्या यह तेरी लीला है,
या फिर मेरे श्याम सलौने,
हो गया आज हठीला है,
खाटू वाले,जरा इतना बता दो,
किसलिए चुप बैठे हो।
क्या नाराजी, बाबा हो गई हमसे,
क्यों ना हमें कहते हो।