Categories
विविध भजन

Aisa desh diwana Santo aisa desh diwana,ऐसा देश दीवाना संतो,ऐसा देश दीवाना,

ऐसा देश दीवाना संतो,
ऐसा देश दीवाना,

दोहा – शब्दा मारया मर गया,
शब्दों छोड़या राज,
जो नर शब्द विवेकिया,
भाई उण रा सरिया काज।

ऐसा देश दीवाना संतो,
ऐसा देश दीवाना,
भेळा हैं पर भिळता नाही,
गुरु मुखी ज्ञानी जाणा।।

तीर्थ करूँ न जप तप साजू,
नही धरूँ मैं ध्याना,
ऐसा होय खलक में खेलूं,
नही मूर्ख नहीं स्याणा।।

ऐसा देश दीवाना संतो,
ऐसा देश दीवाना,
भेळा हैं पर भिळता नाही,
गुरु मुखी ज्ञानी जाणा।।

पग बिना पन्थ नेण बिना निरखु,
बिना श्रवण सुण लेणा,
बिना घ्राण वो लेत सुगंधी,
बिना रसना रस पीणा।।

ऐसा देश दीवाना संतो,
ऐसा देश दीवाना,
भेळा हैं पर भिळता नाही,
गुरु मुखी ज्ञानी जाणा।।

सहज सरोवर सिवरत हंसा,
पर बिन किया पियाणा,
मान सरोवर मोती मुकता,
निर्मल नीर निवाणा।।

ऐसा देश दीवाना संतो,
ऐसा देश दीवाना,
भेळा हैं पर भिळता नाही,
गुरु मुखी ज्ञानी जाणा।।

ईयू जाणियो नर जुगत कर,
पिंड बिन पुरुष पुराणा,
कह दास सकल में व्यापत
घाट बाट नहीं कहणा।।

ऐसा देश दीवाना संतो,
ऐसा देश दीवाना,
भेळा हैं पर भिळता नाही,
गुरु मुखी ज्ञानी जाणा।।

Leave a comment