सबसे सुंदर है बरसाना बिरज में राधा रानी को।
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बृज रज में लौट लगाय लीज्यो,
तू जब वृन्दावन आए,
आसमान से फूलो की बरसात हो रही
गौरा तेरी शादी भोले से हो रही।
तेरे रंग में रंगा हर जमाना मिले,
मैं जहा भी रहु बरसाना मिले।
मैने मोहन को बुलाया है वो आता होगा,
करुणा की दृष्टि निहारो,राधे बरसाने वाली।
मैं बरसाने की गली आ गई हूं,
राधे वृषभानु लली आ गई हूं,
मुझे श्याम मिल गया है,
श्री राधे रटते रटते,
मेरी अलबेली सरकार मिला दो कान्हा से एक बार।
मेरों मन लाग्यो बरसाने में, जहाँ विराजे राधा रानी,
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