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श्याम भजन लिरिक्स

Man me aash jagi Maine Dil ki suni aa gayi dar tere dod ke,मन में आस जगी मैंने दिल की सुनी, आ गयी दर तेरे दौड़ के,shyam bhajan

मन में आस जगी मैंने दिल की सुनी, आ गयी दर तेरे दौड़ के।

मन में आस जगी मैंने दिल की सुनी, आ गयी दर तेरे दौड़ के।
लाज रखना मेरे तू विश्वास की, बैठो न ऐसे मोड़ के


बहुत बीते हैं दिन रातें, मगर इस बार खबर लेनासदा खाली रहा दामन, मगर इस बार तू भर देना।

तेरी मैं राह तकती हूँ सदा पलकें बिछा कर के
मेरी किस्मत को बदलोगे, सोये भाग जगा कर के।सदा लौटी बिन दर्शन मगर इस बार दरश देना।
सदा खाली रहा दामन मगर इस बार तू भर देना।

मन में आस जगी मैंने दिल की सुनी, आ गयी दर तेरे दौड़ के।
लाज रखना मेरे तू विश्वास की, बैठो न ऐसे मोड़ के।

तेरी देहलीज़ से कोई गया ना आज तक खाली।
बड़ी से बड़ी विपदा सुना ये तूने ही टाली।
दिए हैं ज़ख़्म दुनिया ने मगर तुम तो मरहम देना।सदा खाली रहा दामन मगर इस बार तू भर देना।

मन में आस जगी मैंने दिल की सुनी, आ गयी दर तेरे दौड़ के।
लाज रखना मेरे तू विश्वास की, बैठो न ऐसे मोड़ के।

नहीं चुपचाप यूँ बैठो ज़रा मुख से तो कुछ बोलो।
करे ये अर्ज़ श्याम तुम अपनी आँख तो खोलो
भटकती ही रही दर दर पर अब बाँहों में भर लेना।सदा खाली रहा दामन मगर इस बार तू भर देना

मन में आस जगी मैंने दिल की सुनी, आ गयी दर तेरे दौड़ के।
लाज रखना मेरे तू विश्वास की, बैठो न ऐसे मोड़ के।

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