कर्मा रा लिखिया आंकड़ा ,
जाने कोई मिटा नहीं पावे।
Tag: Are Chet re nar Chet re
ये ज़िंदगी मिली है दिन चार के लिये,
काया माटी में मिल गई,
गईयोड़ा फेर नहीं आया।।
थारी काया रो गुलाबी रंग उड़ जासी ।
मरना है तो एक बार मरो,
फिर चौरासी में पड़ना क्या,
नर तन फिर न मिलेगा छोड़ दे गठारिय वन्दे पाप की।
चेत चेत म्हारा मन रे दीवाना, पीछे फेरा क्यों नहीं देता
अरे चेत रे नर चेत रे
थारो चिड़िया चुग गयी खेत रे