अवधपुरी के राजा हरिश्चंद्र, हो गए ऐसे दानी
Tag: Ab to aaja karke baba lile sawari re
हार गया हूँ बाबा,
अब तो आके थाम रे,
नीले घोड़े रा असवार,
म्हारा मेवाड़ी सरदार,
राणा सुणता ही जाजो जी,
आजा आजा रे सांवरिया थारा,
टाबर बोले,
बाबा से होगी मुलाकात अबके फागण मे।
ओ आयो आयो फागण आयो, म्हारो साँवरियो मुस्कायो।
म्हे तो होली खेलन आवंगा थारे संग, म्हारा साँवरिया।
मात मेरी शेरोवाली,आजा जगराते में।
कब तक डगर डगर की जगत में ठोकर खायेगा
मोर छड़ी और नीले में जंग छिड़ी है भारी,
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