ही नहीं ऐसे खाटू में,
दीनो का मेला लगता है,
Tag: Aayo fagan melo
सांवरिया आपा होली तो खेला रे,
फागणियो आय गयो,
फागुन की रुत ऐसी आई है खाटू में मस्ती छाई है
मेला मेला मेला मेरे भोलेनाथ दा मेला।
मेला मेला मेला,
मेरी शेरावाली का मेला,
मोहे ले चल रे भरतार,
लेके राधा कृष्ण के मेले में
छाया रे बसंती रंग,
लो फागुन आया रे,
अरे ओरे छोरा नंद जी का
फागुन में फाग खिला जा रे ।
म्हापे जद भी कोई मुसीबत आवन लागे
पलकों का घर तैयार सांवरे
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