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श्याम भजन लिरिक्स

Mhapar jad bhi koi musibat, म्हापे जद भी कोई मुसीबत आवन लागे,shyam bhajan

म्हापे जद भी कोई मुसीबत आवन लागे

म्हापे जद भी कोई मुसीबत आवन लागे।आवन लागे।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚म्हारे सिर के ऊपर मोर छड़ी,लहरावन लागे।

जब जब गाड़ी,खावे झटका।२। मोर छड़ी का लागे फटका।२।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚अपनी आप ही या गाड़ी म्हारी,भागन लागे।म्हारे सिर के ऊपर मोर छड़ी,लहरावन लागे।

मोर छड़ी का देखया रे जादू।२।भूल गया मंतर स्याना साधु।२।🦚🦚🦚🦚🦚🦚 बे भी झुक झुक झाड़ा,लगावन लागे।🦚🦚म्हारे सिर के ऊपर मोर छड़ी,लहरावन लागे।

हो गया दीवाना में तो, मोर छड़ी का।२। गुण कईयां भूलूं में,श्याम धनी का।२।🦚🦚🦚भगतां खातिर नया,नया रस्ता काढन लागे।म्हारे सिर के ऊपर मोर छड़ी,लहरावन लागे।

म्हापे जद भी कोई मुसीबत आवन लागे।आवन लागे।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚म्हारे सिर के ऊपर मोर छड़ी,लहरावन लागे।

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