मेरा लाख टके का झुनझुना,
में तो ल्याई कटरा से मोल, झनाझन बाजे झुनझुना,
Tag: Aaj to badhayi baje ma ke bhawan
बाजे रे मुरलिया बाजे।
जब भी बुलाओ चली आऊंगी, गणपति तेरे भवन में।
मेरे शीष के दानी का,
सारे जग में डंका बाजे।।
भव बंधन से मुक्ति हो सब बन जाएंगे काम
उत्सव की बेला आई,
घर घर में बँटे बधाई,
मेरी मैया के दो बोल प्यारे प्यारे। वह तो है जिंदगी के सहारे
कभी दुर्गा बनके, कभी काली बनके,
चली आना मैया जी चली आना
आज तो बधाई बाजे माँ के भवन में।
भाव सुमन लेकर में बैठा गौरी सूत स्वीकार करो
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