आज तो बधाई बाजे माँ के भवन में।
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शेरावाली कब आओगी, मेरे अंगना
काली लिए खड़ी तलवार,दानव घेर घेर के मारे
शेरों वाली ने मुझको बहुत कुछ दिया।तेरा शुक्रिया मां तेरा शुक्रिया।
लाल जीभ रंग काला, किसी ने मेरी मां देखी।
ना गोरे का ना काले का,घनश्याम मुरली वाले का
और रंग दे रे भाया, और रंग दे।
कालो कालो तेरो मदन गोपाल