कंचन कांच का बणिया रे हनुमान,
चांदी की म्हारी दुर्गा माता।
Tag: Kanchan kach ka baniya re Hanuman
ठाकुर जी तेरी सेवा हमसे ना बनी रे
जाओ मेरे हनुमान बूटी ले आओ।
जय भवानी बोल तू जय भवानी बोल
कभी दुर्गा बनके, कभी काली बनके,
चली आना मैया जी चली आना
कंचन वाली काया हो,सैलानी म्हें तो पावणा।