जब भी बुलाओ चली आऊंगी, गणपति तेरे भवन में। तेरे भवन में गणपति तेरे भवन में।🌺जब भी बुलाओ चली आऊंगी, गणपति तेरे भवन में।
जब गणपति मुझे सोना दोगे। सोने का मुकुट पहनाऊंगी, गणपत तेरे भवन में। 🌺🌺🌺🌺जब भी बुलाओ चली आऊंगी, गणपति तेरे भवन में।
जब गणपति मुझे चांदी दोगे। चांदी का छत्र चढ़ाऊंगी,गणपत तेरे भवन में। 🌺🌺🌺🌺जब भी बुलाओ चली आऊंगी, गणपति तेरे भवन में।
जब गणपति मुझे तांबा दोगे। तांबे का कलश चढ़ाऊंगी,गणपत तेरे भवन में। 🌺🌺🌺🌺जब भी बुलाओ चली आऊंगी, गणपति तेरे भवन में।
जब गणपति मुझे रुपया दोगे। भंडारा रोज कराऊंगि,गणपत तेरे भवन में। 🌺🌺🌺🌺जब भी बुलाओ चली आऊंगी, गणपति तेरे भवन में।
जब गणपति मुझे शक्ति दोगे। जब गणपति मुझे भक्ति दोगे। भजन दिन रात सुनाऊंगी,गणपत तेरे भवन में। 🌺🌺🌺🌺जब भी बुलाओ चली आऊंगी, गणपति तेरे भवन में।