तर्ज,फूल तुम्हे भेजा है
भाव सुमन लेकर में बैठा गौरी सूत स्वीकार करो। हे गणनायक शुभ वरदायक,आकर सिर पर हाथ धरो।
विद्या वारीधी बुद्धि विधाता,आप दया के सागर हो।भक्तों के दुःख हरने वाले, ना तुम सा करुणाकर हो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 रिद्धि सिद्धि के देनेवाले, हमपर ये उपकार करो।
भाव सुमन लेकर में बैठा गौरी सूत स्वीकार करो। हे गणनायक शुभ वरदायक,आकर सिर पर हाथ धरो।
लंबोदर गजबदन विनायक,विघ्न हरण कर लो सारे।मोदक प्रिय मुद मंगल दाता, दुःख दरिद्र हरने वारे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺लाज तुम्हारे हाथ गजानन, भव से बेड़ा पार करो।
भाव सुमन लेकर में बैठा गौरी सूत स्वीकार करो। हे गणनायक शुभ वरदायक,आकर सिर पर हाथ धरो।
आलूसिंह तेरी महिमा का,पार नहीं कोई पाया।त्रास हरो इस भक्त की सारी,द्वार आपके ये आया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺दास तुम्हारे श्री चरणों का,हम सबके भंडार भरो।
भाव सुमन लेकर में बैठा गौरी सूत स्वीकार करो। हे गणनायक शुभ वरदायक,आकर सिर पर हाथ धरो।