सुन मेरे कान्हा,
ज़रा ये बताना,
खफा हमसे तू क्यूँ हो गया,
Tag: Aaj janme kuwar kanhayi
चले गए मथुरा कान्हा दिल तड़पा के
दही खालो मटकिया ने फोड़ो,
मैंने बुलायो नहीं आयो कनवा।
छिपते छिपाते आ गई रे कान्हा तेरी नगरिया।
सुनो कान्हा कि ओ मैया, तेरा कान्हा सताता है,
बेदर्दी ओ कान्हा कब तक तड़पाओगे।
Apne kanha ki sun lo shikayat,jo batane ke kabil nahi hai,
मारो माखन गयो रे चुराई यशोदा थारो कानुडो
तेरे दो मैया दो बाप कान्हा तोहे क्या बोलूं।
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