जल जाए जिव्हा पापनी,
राम के बिना,
Category: राम भजन लिरिक्स
कौशल्या, दशरथ के नंदन,
राम ललाट पे शोभित चन्दन
रामा दल में सुलोचना आई, मेरी अरज सुनो रघुराई।
जब सर पे है राम का हाथ,चिंता फिर क्या करना।
धुला लो पाँव राघव जी
अगर जो पार जाना है।
राम ने धनुवा तोड़ा जानकी तेरे लिए।
कैकई तूने लुट लिया,
दशरथ के खजाने को,
ऐसा सुंदर स्वभाव कहां पाया, राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया।
मेरी मानो पिया उनकी दे दो सिया, बस इसी में भलाई तुम्हारी पिया
सीता कुटी में नजर नहीं आए, नजर नहीं आए, चलो लक्ष्मण चलो देख आए
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