सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया।
आप ही रंग दो चाहें भोले पे रंगा दो।
प्रेम नगर में खुली है बजरिया।
सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया ।
लाल न ही रांगीयो गुरु हरि न ही रंगियों।
ऐसी रंगा दी जैसी आपकी पगड़िया।
सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया।
ऐसी रंगो गुरु रंग न है छूटे।
धोबिनीया धोने चाहे सारी उमरिया।
सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया।
या चुनरी ए रंगा के रहूंगी।
सास लड़े चाहे लड़े ननादिया।
सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया।