तर्ज,लल्ला की सुनके में आई
कैसे बताऊं कैसा, सखी री मेरा सतगुरु कैसा।
धरती जैसी सहनशीलता,२।🌺🌺🌺🌺ऊंचा है अंबर जैसा,सखी री मेरा सतगुरु ऐसा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कैसे बताऊं कैसा, सखी री मेरा सतगुरु कैसा।
सूरज जैसा तेजस्वी है।२।🌺🌺🌺🌺🌺गोरा है चंदा जैसा,सखी री मेरा सतगुरु ऐसा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कैसे बताऊं कैसा, सखी री मेरा सतगुरु कैसा।
गंगा जैसा पावन निर्मल।२।🌺🌺🌺🌺निर्मल यमुना जैसा।सखी री मेरा सतगुरु ऐसा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कैसे बताऊं कैसा, सखी री मेरा सतगुरु कैसा।
मर्यादा श्री राम के जैसा।२।🌺🌺🌺🌺नागर नटवर जैसा।सखी री मेरा सतगुरु ऐसा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺कैसे बताऊं कैसा, सखी री मेरा सतगुरु कैसा।