सतगुरु बिना घोर अँधेरा रे संतो,
Tag: yaha samhal kar aana
मैंने छान छान पिया पानी, सतगुरु तेरी अजब कहानी।
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया।
सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया
ये संतो का प्रेम नगर है, यहाँ सँभल कर आना जी
सतगुरु बिना घोर अँधेरा रे संतो,
मैंने छान छान पिया पानी, सतगुरु तेरी अजब कहानी।
अमृत बरस रहो सत्संग में अरे मन पी लेे बाबरिया।
सतगुरु प्यारे मेरी रंग दो चुनरिया
ये संतो का प्रेम नगर है, यहाँ सँभल कर आना जी