बताओ कहां मिलेगा श्याम।४।
चरण पादुका लेकर हाथ में, पूछ रहे रसखान। बताओ कहां मिलेगा श्याम।
वह नन्हा सा बालक है, सांवली सी सूरत है। बाल घुंघराले उसके, पहनता मोर मुकुट है।🌹 नैन उसके कजरारे, हाथ नन्हे से प्यारे।🌹🌹 बांधे पैजनिया पग में, बड़े दिलकश है नजारे। घायल कर देती है दिल को उसकी एक मुस्कान।बताओ कहां मिलेगा श्याम।२।
समझ में आया जिसका, पता तूं पूछ रहा है। वह है बांके बिहारी, जिसे तूं ढूंढ रहा है।🌹🌹 कहीं वह श्याम कुहाता, कहीं वह कृष्ण मुरारी। कोई सांवरिया कहता, कोई गोवर्धन धारी। नाम हजारों ही है उसके, कई है जग में धाम।बताओ कहां मिलेगा श्याम।२।
मुझे ना रोको भाई, मेरी समझो मजबूरी।🌹 श्याम से मिलने दे दो, बड़ा है काम जरूरी। सीढ़ी ऊपर मंदिर के, डाल के बैठा डेरा।🌹 कभी तो घर से बाहर, श्यामआएगा मेरा ।इंतजार करते करते ही, सुबह से हो गई शाम।बताओ कहां मिलेगा श्याम।२।
जागकर रात बिताई, भोर होने को आई।🌹 तभी उसके कानों में, एक आहट सी आई।🌹 वह आगे पीछे देखें, वह देखे दाएं बाएं।🌹🌹 वह चारों और ही देखें, नजर कोई ना आए। झुकी नजर तो कदमों में, बैठा था नन्हा श्याम।बताओ कहां मिलेगा श्याम।२।
खुशी से गदगद होकर, गोद में उसे उठाया। लगा अपने सीने से, बहुत ही प्यार जताया। पादुका पहनाने को, पांव जैसे ही उठाया।🌹 नजारा ऐसा दिखा, कलेजा मुंह को आया। कांटे चुभ चुभ कर के घायल, हुए थे नन्हे पांव।बताओ कहां मिलेगा श्याम।२।
खबर देते तो खुद ही, तुम्हारे पास ले आता। ना पैर में छाले पड़ते, ना चुभता कोई कांटा।🌹 छवि जैसी तू मेरी, बसाके दिल में लाया।🌹 उसी ही रूप में तुझसे, वहां में मिलने आया। गोकुल से मैं पैदल आया, तेरे लिए ब्रिज धाम।बताओ कहां मिलेगा श्याम।२।
श्याम की बातें सुनकर, खान हुआ था दीवाना। कहा चरणों में दे दे, मुझे तेरे ठिकाना।🌹🌹 तूं दुनिया का मालिक है,यह मैंने जान लिया है। लिखूंगा पद तेरे ही, आज से ठान लिया है। श्याम प्रेम रस बरसे सोनू, खान बने रसखान। भाव के भूखे हैं भगवान।२।बताओ कहां मिलेगा श्याम।२।