तर्ज,कानुडा लाल घड़लो म्हारो भर दे रे
झूला में बैठ्यों आज म्हारो, श्याम ललो।श्याम ललो रे,घनश्याम ललो।🌹🌹🌹🌹झूला में बैठ्यों आज म्हारो श्याम ललो।
झोटा तो देवे राधा,सखियां सारी।२।धीरे झूलावो दुखे कान्हा को गलो।२।🌹🌹🌹झूला में बैठ्यों आज म्हारो, श्याम ललो।
राधा बैठी श्याम झुलावे।२।ललिता विशाखा मुंडो मोडे तो भलो।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹झूला में बैठ्यों आज म्हारो, श्याम ललो।
श्याम ने उतार्यों,मनसुख बैठ्यों।२।देवे ना कोई झोटा,करम जलो२।🌹🌹🌹🌹झूला में बैठ्यों आज म्हारो, श्याम ललो।
इतने में आ गई गोपियां सारी।२।म्हाने भी दे दे झोटा सुधरे अगलो।🌹🌹🌹🌹🌹🌹झूला में बैठ्यों आज म्हारो, श्याम ललो।
श्याम सुन्दर तेरी नटखट लीला।२।गावे जो सुधरे जनम पिछलो।🌹🌹🌹🌹🌹🌹झूला में बैठ्यों आज म्हारो, श्याम ललो।
झूला में बैठ्यों आज म्हारो, श्याम ललो।श्याम ललो रे,घनश्याम ललो।🌹🌹🌹🌹झूला में बैठ्यों आज म्हारो श्याम ललो।