तर्ज,म्हारो बेडो पार लगाए दिज्यो सालासर
सावन में झूला झूल रहे,राधे संग कुंज बिहारी।२।
राधे संग कुंज बिहारी रे राधे संग रसिक बिहारी।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚सावन में झूला झूल रहे,राधे संग कुंज बिहारी।
मोर मुकुट कानों में कुंडल,रूप निहारे सब ब्रज मंडल।२।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚कर दर्शन सुध बुध भूल रहे,राधे संग कुंज बिहारी।
सावन में झूला झूल रहे,राधे संग कुंज बिहारी।
झांकी है श्याम की प्यारी,मीरा भी प्रेम में हारी।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚राणा को छोड़ के आ गई हो,राधे संग कुंज बिहारी।
सावन में झूला झूल रहे,राधे संग कुंज बिहारी।
खड़े मनसुख लेकर सोटा।सब सखियां देवे झोटा।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚देवन भी फूल बरसाए रहे हो,राधे संग कुंज बिहारी।
सावन में झूला झूल रहे,राधे संग कुंज बिहारी।
कूके है कोयल काली,सब लता पता हरियाली।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚रहे महक कदंब महकाय रहे हो,राधे संग कुंज बिहारी।
सावन में झूला झूल रहे,राधे संग कुंज बिहारी।
जोड़ी राधे श्याम मनभावन,है नाम जगत में पावन।🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚🦚सब सखियां झूला गाय रही हो,राधे संग कुंज बिहारी।
सावन में झूला झूल रहे,राधे संग कुंज बिहारी।