कुंण तो बणासी थां बिन बाबा, बिगड़ी म्हारी रे।
Tag: Bigdi kismat ko banata bhole bhandari mera
बिगड़ी कौन सुधारें नाथ बिना,
बिगड़ी कौन सुधारे जी,
किस्मत का मारा हुसँवारे प्यार की थोड़ी सी झलक दिखा मेरे श्याम,
समय को काट लो भैया किसी बहाने से।
नान्दीेये पे हो के सवार,
भोलाजी चले दुल्हा बनके,
छोटी सी झोपड़िया में होय न गुजारा। भोले कोठी बनवा दो,
भोले तेरे पर्वत पे कैसे छा रही छटा निराली है।
किस्मत संवर गयी है,
तेरी शरण में आकर,
बिगड़ी किस्मत को बनाता भोले भंडारी मेरा,