मेरे सिरपर गठड़ी भांग की, बेबे जाना पड़े जरूर,भोला बैठ्या बाट में।
चलकर गंगा स्नान में,मेरे पाच्छे आई ध्यान में।उड़े भांग पड़ी भरपूर,भोला बैठ्या बाट में।मेरे सिरपर गठड़ी भांग की, बेबे जाना पड़े जरूर,भोला बैठ्या बाट में।
भोला करे भांग की ल्यावणी।पड़े रोज रगड़कर प्यावणी।वो तो रहवे नशे में चूर,भोला बैठ्या बाट में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मेरे सिरपर गठड़ी भांग की, बेबे जाना पड़े जरूर,भोला बैठ्या बाट में।
झर झर झर झरने पहाड़ में,मेरी चुनरी अटक गई झाड़ में।से पर्वत कितनी दूर,भोला बैठ्या बाट में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मेरे सिरपर गठड़ी भांग की, बेबे जाना पड़े जरूर,भोला बैठ्या बाट में।
या तो वाणी किरसन लाल की।बणी बावन आड़े साल की।मेरा मिल्या नूर में नूर,भोला बैठ्या बाट में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺मेरे सिरपर गठड़ी भांग की, बेबे जाना पड़े जरूर,भोला बैठ्या बाट में।